Dr. B.R. Ambedkar Quotes
1- भारत मे भक्ति या जिसे हम समर्पण का मार्ग या नायक पूजा कहते हैं, का राजनीति में रोल होता है। दुनिया के किसी हिस्से में इस कदर नही होता जितना भारत मे होता है। धर्म मे भक्ति हो सकता है, आत्मा की मुक्ति का मार्ग हो, लेकिन राजनीति में भक्ति या नायक पूजा, पतन और तानाशाही की ओर ले जाती है।
2- समानता एक कल्पना हो सकती है, लेकिन फिर भी इसे एक गवर्निंग सिद्धान्त के रूप में स्वीकार करना होगा।
3- कानून और व्यवस्था राजनीतिक शरीर की दवा है और जब राजनीतिक शरीर बीमार पड़े तो दवा जरूर दी जानी चाहिए।
4- हर व्यक्ति जो मिल के सिद्धांत कि 'एक देश दूसरे देश पर शासन नहीं कर सकता' को दोहराता है उसे ये भी स्वीकार करना चाहिए कि एक वर्ग दूसरे वर्ग पर शासन नहीं कर सकता।
5- इतिहास बताता है कि जहां नैतिकता और अर्थशास्त्र के बीच संघर्ष होता है, वहां जीत हमेशा अर्थशास्त्र की होती है। निहित स्वार्थों को तब तक स्वेच्छा से नहीं छोड़ा गया है, जब तक कि मजबूर करने के लिए पर्याप्त बल न लगाया गया हो।
6- मनुष्य नश्वर है, उसी तरह विचार भी नश्वर हैं। एक विचार को प्रचार-प्रसार की जरूरत होती है, जैसे कि एक पौधे को पानी की, नहीं तो दोनों मुरझाकर मर जाते हैं।
7- पति-पत्नी के बीच का संबंध घनिष्ठ मित्रों के संबंध के समान होना चाहिए।
8- जब तक आप सामाजिक स्वतंत्रता नहीं हासिल कर लेते, कानून आपको जो भी स्वतंत्रता देता है, वो आपके किसी काम की नहीं।
9- यदि हम एक संयुक्त एकीकृत आधुनिक भारत चाहते हैं तो सभी धर्मों के शास्त्रों की संप्रभुता का अंत होना चाहिए।
10- हिन्दू धर्म में विवेक, कारण और स्वतंत्र सोच के विकास के लिए कोई गुंजाइश नहीं है।
11- जीवन लंबा होने की बजाए महान होना चाहिए।
12- मैं ऐसे धर्म को मानता हूं, जो स्वतंत्रता, समानता और भाईचारा सिखाए।
13- बुद्धि का विकास मानव के अस्तित्व का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।
14- The history of India is nothing but a history of mortal conflict between Buddhism and Brahmanism.
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