Block Deals And Stock Market


Stock Market या उससे संबंधित मीडिया चैनल पर ये तीन शब्द बहुत पढ़ने और सुनने को मिलते हैं. पहले हम Block Deals और Bulk Deals को समझेंगे. आज के ब्लॉग में हम समझेंगे कि-
1- Block Deals और Bulk Deals क्या होते हैं?
2- ये Deals एक दूसरे से किस प्रकार अलग हैं?
3- ये Deals होने की क्या शर्ते हैं? 
4- ये Deals, Retail Investors के लिए क्या बताता है?

पहले हम Block Deals से शुरू करते हैं.

1- Block Deals- जैसे कि इस Deals का नाम है Block Deals, Block का मतलब तो हम सब जानते ही हैं खंड, यानी जिसकी एक नियमित बाउंड्री हो. Deals जब दो लोगों या पार्टी में कोई सौदा या लेन देन होता है तो उसे डील्स कहते हैं.

- जब किसी कंपनी का शेयर कम से कम करीब 5 लाख की संख्या में या कम से कम 5 करोड़ के अमाउंट में एक साथ Trade होता है तो ऐसे Deals को Block Deals के नाम से जाना जाता है.
-Block Deals बड़े अमाउंट या संख्या का लेन देन Stock Exchange के द्वारा होता है. यह लेन देन या Trade एक स्पेशल विंडो सेशन में होता है जो सबके लिए विजिबल नहीं रहता. 
- यह Block Deals 15-15 मिनट के स्पेशल विंडोज सेशन में होता है. इस Deals के लिए दो सेशन होते हैं. एक जब स्टॉक मार्केट खुलता है तब सुबह 8:45 AM से 9:00 AM के बीच तथा एक बाद में जब स्टॉक मार्केट बंद होता है यानी दोपहर 2:05 PM से 2:20 PM के बीच.
- Retail Investors या Trader इसे चार्ट्स पर नहीं देख सकते हैं, यही कारण है कि इतना बड़ा Deals होने के बाद भी Retails Investor या Trader के लिए Stock Price पर कुछ खास अंतर नही पड़ता है. इसे देखने के लिए उन्हें NSE या BSE के वेबसाइट पर देखना पड़ता है.
- Block Deals उन्ही दो कंपनियों के बीच हो सकता है जिनका मार्केट कैपेटिलाइजेशन कम से कम 500 करोड़ हो. 
- FIIs मतलब Foreign institutional investors तथा DIIs मतलब Domestic Institutional investors इस विधि Block Deals के द्वारा खरीद बेच करते हैं.
- Block Deals, Intraday मे रिवर्स नही किया जा सकता है मतलब Block Deals में खरीदा हुआ शेयर्स सेम डे में नहीं बेचा जा सकता है ठीक इसके विपरित Block Deals में बेचा गया शेयर्स सेम डे में नहीं खरीदा जा सकता है.
- Block Deals में सिर्फ बायर्स या सेलर्स और एक्सचेंजर NSE या BSE होते हैं.

Sign For Retail Investors 
• यदि कोई बायर्स किसी कंपनी के शेयर्स को Block में खरीदता है और यह खरीदारी शेयर्स का लास्ट ट्रेडेड प्राइस से कम में होता है तो इससे यह पता चलता है कि सेलर् ज्यादा इंटरेस्टेड है बेचने में इसके ठीक विपरित अगर यह खरीदारी शेयर्स का लास्ट ट्रेडेड प्राइस से ज्यादा में होता है तो इससे यह पता चलता है कि बायर् ज्यादा इंटरेस्टेड है खरीदारी करने में.


2- Bulk Deals- जैसे की इस Deals का नाम है, Bulk का मतलब होता है थोक, ढेर या बड़ा हिस्सा और Deals मतलब दो लोगों या पार्टीज के बीच हुआ सौदा. 

-एक दिन के अंदर किसी भी कंपनी के Share का एक Person या एक Entity या एक Brokerage Account अगर किसी कंपनी के टोटल लिस्टेड शेयर्स का 0.5% या इससे ज्यादा शेयर्स खरीदता या बेचता है  तो उसे Bulk Deals के नाम से जाना जाता है.
- Bulk Deals नॉर्मल ट्रेडिंग सेशन के अंदर ही होता है मतलब मार्केट का जो ट्रेडिंग सेशन 9:15 AM से 3:30 PM के बीच ही होता है. 
- Bulk Deals पूरे मार्केट टाइम में अगर कोई बायर्स या सेलर्स मार्केट बंद होने तक मतलब थोड़ा थोड़ा करके भी किसी कंपनी का लिस्टेड शेयर्स का 0.5% या इससे ज्यादा शेयर्स खरीदता या बेचता है तो उसे Bulk Deals बोलते हैं, मतलब किसी ने शेयर्स Bulk में खरीदा या बेचा है.
- Bulk Deals को ट्रेडिंग सेशन के अंत में ब्रोकर को Exchanges यानी NSE या BSE को रिपोर्ट करना पड़ता है और मार्केट बंद होने के बाद यह डील्स NSE या BSE के वेबसाइट्स पर लिस्ट हो जाता है. 
- Bulk Deals में बायर्स या सेलर्स और ब्रोकर और एक्सचेंजर तीनों की भागीदारी होती है.

Sign For Retail Investors 
• अगर कोई बायर्स किसी कंपनी के शेयर्स को Bulk में खरीदता है तो इसे अच्छा माना जाता है और अगर कोई सेलर्स किसी कंपनी के शेयर्स को Bulk में बेचता है तो इसे बुरा माना जाता है.


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