Lal Bagh Botanical Garden
About - स्वागत है आपका Bangalore स्थित Lal Bagh Botanical Garden में, दक्षिण Bangalore में स्थित Lal Bagh एक शाही उत्पत्ति है. सबसे पहले 1760 ईस्वी में Mysore के राजा Hyder Ali ने इस बाग का निर्माण कराया और बाद में उनके बेटे Tipu Sultan ने इसे पूरा किया. Hyder Ali ने इसका निर्माण मुगल गार्डन के तर्ज पर बनाने का फैसला किया जो उनके समय में लोकप्रिय था. उस समय यह करीब 34 एकड़ में फैला था आज के समय में यह करीब 240 एकड़ में फैला हुआ है जो Glass House, Lake, A Japanese Decorative Monument, Statue Of Sri Chamarajendra Wodeyar, Kempe Gowda Tower, Lotus Pond, Lawn, … के लिए प्रसिद्ध है. यह बाग भारत के 200 साल से भी पुराने इतिहास को समाहित किए हुआ है. बाग से लगा झील और बड़े से चट्टान के सबसे ऊपर एक दुर्ग है जो देखने वालों को आकर्षित करता है का निर्माण Kempe Gowda I के शासन काल मे कराया गया. आज के समय 26 जनवरी और 15 अगस्त के दिन यहां फूलों के शो का आयोजन होता है और भव्य तरीके से सजाया जाता है.
यहां पौधों की 1000 से भी ज्यादा प्रजातियां हैं और 100 साल से भी पुराने बहुत से पेड़ हैं.
History – Lal Bagh का इतिहास थोड़ा लम्बा और जटिल है फिर भी कम से कम शब्दों में लिखने की कोशिश कर रहा हूं. इस बाग का इतिहास 200 साल से भी पुराना है और यहां पाया जाने वाला विशाल चट्टान का मैदान जो Gneiss और Granites का है करीब 3300 से 3000 मिलियन साल पुराना है. इसका निर्माण Mysore के सुलतान Hyder Ali ने 1760 में कराया और बाद में उनके बेटे Tipu Sultan ने इसे पूरा किया. इस बाग का नाम Lal Bagh क्यों रखा गया यह बाद में एक बहस बना. Garden के लिए बाग शब्द हिंदुस्तानी था पर लाल शब्द के लिए बहस हुआ और बाद में इसके पक्ष में दिए गए तर्क कुछ ऐसे हैं
1- यहां पाई जाने वाली मिट्टी लाल है
2- Lal मतलब Beloved
3- Tipu Sultan जब अपने पिता हैदर अली के साथ यह बाग घूमने गए तो वो यहां की लाल फूलों को देखकर खुशी से लाल बाग लाल बाग बोलने लगे
4- लाल का एक मतलब Ruby भी होता है, शायद Garden Of Rubies से आया हो.
इस बाग को Mughal Style में विकसित किया गया जैसा बाग Karnataka राज्य में स्थित Sira Taluk में था. बाग को खूबसूरत बनाने के लिए पौधों को अलग-अलग जगहों से लाया गया था, जैसे दिल्ली, लाहौर, मुल्तान, आर्कोट. बगीचे की देखभाल के लिए तमिल भाषी पारंपरिक बागवानों को लाया गया.
अरब, मॉरिशस और अफ्रीका जैसे देशों से पेड़ पौधों के बीजों को लाकर Tipu Sultan द्वारा लगाया गया. आम के शौकीन होने के कारण उन्होंने आम के अलग-अलग किस्मों के पेड़ भी लगाए. Tipu Sultan के समय के एक व्यक्ति कहते हैं की “अफ्रीका से लाया गया पेड़ बहुत अनोखा है यह लंबाई में बहुत बड़ा तथा इसके पत्ते बड़े पंखों के समान हैं. बगीचे के प्रवेश द्वार और बगीचे के अंदर की सड़कें सरू के पेड़ों से जुड़ी हुई थीं, बारीकी से लगाई गई थीं और नीची थीं। चारों ओर चिनाई का चबूतरा; लालबाग में बहुत ऊँचे, बड़े और छायादार पेड़ भी थे"
केला, गुलाब सेब, कटहल, सीताफल, आड़ू, पपीता, अंजीर आदि फलों की बहुतायत थी। कई प्रकार की सब्जियाँ भी उगाई जाती थीं जैसे गुलाब, मोगरा, चंपक और कई प्रकार के जंगली फूल भी. कहा जाता है कि Tipu Sultan द्वारा लगाए गए दो या तीन आम के पेड़ आज भी खड़े हैं। एक दरोगा बगीचे का प्रभारी था। Tipu Sultan ने काफी हद तक बगीचों में सुधार किया और यहां तक कि 1798 में, उन्होंने मॉरीशस से पौधे और बीज प्राप्त किए.
1799 में Tipu Sultan की मृत्यु और Mysore पर अंग्रेजों की जीत के बाद लाल बाग 14 वर्षों तक कंपनी वनस्पतिशास्त्री Major Waugh के अधीन रहा. इस दौरान 1814 तक Lalbagh में और भी कई प्रकार के विदेशी फलों के पेड़, उपयोगी सब्जियों और अनोखे पेड़ लगाए गए. चूंकि यह बाग 1814 तक Government Of Mysore अंग्रेजी कंपनी के अधीन रहा तो बाग में सब्जियों उगाने की जगह को और बड़ा करने के लिए कंपनी द्वारा बिना सोचे समझे बहुत से महत्वपूर्ण पेड़ पौधों को गिरा दिया गया. Major Gilbert Waugh ने Governor General Of India से आग्रह किया कि बैंगलोर स्थित Lalbagh को कलकत्ता स्थित वनस्पतिशास्त्र संस्थान को सौंप देना चाहिए. इस Botanical Garden के Superintendent ने भी Major Gilbert Waugh के सुझाव को स्वीकार किया और फिर बाद में यह लालबाग Botanical Garden 24 अप्रैल 1819 को कलकत्ता में Botanical Garden के वैज्ञानिक Nathaniel Wallich को सौंप दिया गया. यह लालबाग 1831 तक Nathaniel Wallich के अधीन रहा. इस तरह समय के साथ लालबाग Botanical Garden होने लगा. 1831 में, ब्रिटिश कंपनी द्वारा Mysore के प्रशासन की धारणा पर, Lalbagh, Mysore आयुक्त के हाथों में चला गया और 1836 तक जारी रहा. इस समय Willium Munro के साथ मिलकर एक Agriculture और Horticulture Society का गठन किया गया. बैंगलोर में Mysore Commission के Officers, ब्रिटिश फोर्स के Officers, पादरी और प्रतिष्ठित व्यक्ति ने स्वयं को बैंगलोर में इससे संबंधित सदस्य मान लिया. उन्होंने Government को कहा कि वह उनके लिए लालबाग में निःशुल्क रहने को दे. ऐसा करने देना अच्छा साबित नही हुआ इसके बावजूद अब भी Lalbagh में दुर्लभ और उपयोगी पेड़ पौधों की संख्या शामिल है. Horticulture Society ने Lalbagh के प्रभार का अनुरोध करते हुए Mysore Commissioner, Sir Mark Cubbon को पत्र लिखा. Mark Cubbon ने नियंत्रण प्रदान किया और फिर इस अवधि के दौरान इसका उपयोग बागवानी प्रशिक्षण के लिया किया गया. 1842 में बैंगलोर Society को भंग कर दिया गया जिससे बाद में लालबाग अच्छे से मैनेज नही हो पाया.
1855 में South India के लिए Huge Cleghorn को Mysore के आयुक्त के वनस्पति सलाहकार के रूप में नियुक्त किया गया. 1856 मे Huge Cleghorn और Jaffrey Bangalore आए Huge Cleghorn ने Lalbagh में अच्छी रुचि दिखाई. Huge Cleghorn के काफी कोशिशों के बाद Mark Cubbon के आदेशों के तहत, Lalbagh को अगस्त 1856 में सरकारी वनस्पति उद्यान में बनाया गया था और Kew से एक पेशेवर बागवानी विशेषज्ञ की मांग की गई थी. Dr. Huge Cleghorn के कोशिशों के साथ अब Lalbagh के और उत्थान के लिए अलग-अलग देशों से Skillful कामगारों को सैलरी के तहत लाया गया. कामगारों के skill के अनुसार अलग-अलग सैलरी निर्धारित किया गया जैसे माली और मिस्त्री के लिए 125 रुपए हर महीना और साथ ही साथ जरूरत के खाद, टूल्स,.. की व्यवस्था कराई गई. मैदान की सफाई, समतल और उपजाऊ बनाने की लिए एकमुश्त 2000 रुपए देने की सिफारिश की. वह बगीचे को व्यवसाय के लिए भोग के खिलाफ थे. Governor General Mark Cubbon ने भी Huge Cleghorn का साथ दिया और उनके लिए भी मासिक अनुदान की मंजूरी दी गई. इस तरह Huge Cleghorn का लालबाग को बेहतरीन और प्रदर्शन लायक Botanical Garden के रूप में देखने की परिकल्पना सही साबित हो रहा था.
अगस्त 1856 में Lalbagh को सरकार द्वारा संचालित सरकारी Botanical Garden मान लिया गया था. Kew में Royal Garden के डायरेक्टर Sir Willium Hooker को अनुरोध किया गया की वह Lalbagh में सेवा देने के लिए प्रोफेशनल बागवानी विशेषज्ञ की व्यवस्था करें. कुछ कारणों की वजह से बेशक इसमें दो साल की देरी हुई. 10 अप्रैल 1858 को Willimum Hooker Bangalore आए और Lalbagh को और भी अधिक सुंदर बनाने के लिए हरसंभव प्रयास किया गया. Sir William Hooker के प्रयास से ही तब पेड़ पौधों के महत्व को नई ऊंचाई मिली और भारत और विदेशों में स्थित अलग-अलग Botanical Institutions से पेड़ पौधों को लाकर यहां लगाए गए. 1859-60 के रिपोर्ट में Lalbagh देखने के बाद Huge Cleghorn लिखते हैं कि अब यह बाग उनके और अधिक जानकारी और रिसर्च के लिए उपयुक्त है.
1863-64 में Willium Hooker का सेवा समाप्त होता है और Kew Herbarium से A.A. Black को Superintendent के तौर पर चुना जाता है. वह यहां के लिए नई पॉलिसीज पेश करते हैं. 1865-66 में A.A. Black की मृत्यु के बाद नए Superintendent को चुना जाता है.
1874 में John Cameron, Lalbagh का चार्ज Superintendent Of Government के तौर पर लेते हैं. वह बागवानी के लिए साइंटिफिक और सिस्टेमेटिक तरीके को पेश करते हैं. इनके कार्यकाल में पेड़-पौधों के जैसे कॉटन, रबर, अंगूर, अन्य फलों, नारियल, खजूर, मूंगफली, शहतूत, आदि के साथ नए-नए प्रयोग और रिसर्च किए गए. सभी को उनके नए प्रयोग की जानकारी थी और नतीजा यह हुआ कि बहुत से पेड़ पौधे जवान हुए और इनकी पहुंच बाहर तक पहुंची जिससे काफी धन और Mysore को और अधिक प्रसिद्धि मिली. John Cameron के काल में ही Lalbagh में प्रसिद्ध Glass House बनाया गया और Horticulture Show शुरू किए गए. John Cameron 1874 से 1908 के बीच Bangalore स्थित Govenrment Botanical Garden की जिंदगी और आत्मा थें बाद में वो England वापस चले गए. John Cameron का Botanical Garden के विकास में विशेष प्रयास ने उन्हें न केवल Lalbagh मे बल्कि राज्य मे भी प्रसिद्ध हो गए. वो बहुमूल्य विचारों से भरे व्यक्ति थें, उन्होंने Lalbagh के बारे में बहुत कुछ लिखा जो पढ़ने लायक है. उन्होंने Lalbagh में स्थित सैकड़ों पेड़-पौधों के नाम की सूची बनाई तथा साथ ही साथ इससे संबंधित बहुत से रेखचित्रों को एकत्रित किया. Lalbagh के बारे में उन्होंने Kew Garden को बहुत से पत्र लिखें. John Cameron की सेवा समाप्त होने के बाद 1908 में उनका पद Gustav Hermann Krumbiegel ने 1932 तक संभाला. 1932 में अपनी रिटायरमेंट के बाद भी अपनी मृत्यु 1956 तक वो Mysore सरकार के सलाहकार रहें. Gustav Hermann ने John Cameron के सफल प्रयासों को बेहतर बताया तथा उनके प्रदर्शन को आगे बढ़ाया. Gustav Hermann के साथ ही Lalbagh के लिए यूरोपीय अधिकारियों की सेवा समाप्त हो गई.
21 मार्च 2020 को Covid-19 Pandemic के कारण Horticulture Department ने लालबाग Botanical Garden को बंद करने का फैसला किया. मई के तीसरे सप्ताह में सरकार ने कम भीड़ के साथ सिर्फ Lalbagh के पार्क में जाने की अनुमति दी वो भी सुबह 7 से 9 तथा शाम में 4 से 7 बजे तक के लिए.
East view of Bangalore showing the then, Lalbagh with coniferous trees and Kempegowda tower on the rocks to the east of Lalbagh prior to 1793.
Popularity- Lalbagh Botanical Garden सिर्फ भारत में ही नही पूरे विश्व में प्रसिद्ध है क्योंकि-
1- यह Lalbagh बगीचे के साथ-साथ एक Botanical Garden* भी है. *Botanical Garden- वैसा गार्डन जहां दुनियाभर के दुर्लभ और प्रमुख प्रजातियों के पेड़ पौधों का संग्रह होता है, जिसका उद्देश्य वैज्ञानिक रिसर्च, शिक्षा और संरक्षण होता है.
2- यह भारत में स्थित इकलौता बाग है जो 200 साल से भी पुराने इतिहास को बताता है.
3- यह भारत में स्थित बाग एक शाही उत्पत्ति है.
4- यह बाग दुनिया भर में वनस्पति वैज्ञानिकों तथा इससे संबंधित छात्रों के लिए रिसर्च और स्टडी का केंद्र है.
5- यहां विदेशों से पेड़ पौधों को लाकर लगाए गए हैं साथ ही साथ उनके वैज्ञानिक नाम और ओरिजिन के साथ डिनोट किया गया है.
6- यहां विशाल पत्थर का चट्टान है जो करीब 3000 से 3300 साल पुराना है.
7- भारत का इकलौता बाग है जिसके विकास के लिए अलग अलग देशों से बागवानों और वैज्ञानिकों को बुलाया गया था.
8- यह प्राकृतिक सुंदरता का केंद्र है.
9- इकलौता बाग जो वनस्पति वैज्ञानिकों के साथ-साथ भूवैज्ञानिकों को भी आकर्षित करता है.
10- यहां रिसर्च तथा स्टडी के लिए लाइब्रेरी और म्यूजियम भी है.
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